गुरू भारतीय- एक अद्भुत संत

गुरुदेव डा॰ जितेन्द्र चंद्र भारतीय जी

यह
बात आपको चौंका सकती है किन्तु यह १००% सत्य है कि
यदि आप
आर्थिक, मानसिक, भावनात्मक,
शारीरिक या अन्य किसी भी प्रकार के परेशानियों से गुजर रहे हैं तो चमत्कारी संत डा॰ जितेन्द्र चंद्र भारतीय जी द्वारा रचित "ललिता चालीसा" को मात्र पढ़ने से ही आपकी सारी परेशानियाँ दूर हो जायेंगी ! श्री ललिता चालीसा की रचना पूज्य श्री गुरुदेव के जीवन कि एक अद्भुत घटना है ! डा॰ भारतीय जी नवरात्र में (अक्तूबर, १९७७) नैमिषारण्य श्री ललिता देवी जी के मंदिर गए! उन्हें रात्रि में ललिता देवी के दर्शन हुए! प्रेरणा मिली कि तुमने ललिताष्टस्तवी संस्कृत में बनायी है ! अब तुम ललिता चालीसा कि रचना हिंदी में करो, उससे जनकल्याण होगा ! भक्त पाठ करने मात्र से कष्टों से मुक्त होंगे! इतना कहकर भगवती ललिता अंतर्ध्यान हो गयीं ! १६ अक्तूबर १९७७ को प्रातः पाठ करने के पश्चात गुरुवर ने प्रेरणानुसार "ललिता चालीसा " कि रचना कर दी! यह बात ध्यान रखने योग्य है कि यह चालीसा "दिव्य शक्ति सम्पन्न" है ! इसका पाठ करने से अवश्य कष्ट मिटेंगे, लाभ होगा ! गुरुवार १७ तारीख को पाठ करते (मंदिर के भीतर ही ) यह प्रेरणा हुई कि इसकी विधि भी लिख दी जाये ! भारतीय जी के बारे में जितना भी बताया जाय वह बहुत ही कम होगा क्योंकि वे इतने साधन सम्पन्न, शक्ति सम्पन्न , सिद्दि सम्पन्न व समस्त दैवीय कलाओं व विद्याओं के ज्ञाता थे किन्तु फिर भी वे अपने जीवन मे सादगी पसंद करते थे ! अंग्रेजी कियह बात ऐसे अद्भुत संतों पर बिल्कुल ही ठीक बैठती है कि
"BE SIMPLE AND HUMBLE LIKE A GRASS, WHEN WILD STORM ATTACKS, ALL BIG TREES GET UPROOTED BUT THE SIMPLE GRASS SURVIVE, SIMPLE BUT POWERFUL"
इस दिव्य शक्ति से सम्पन्न ललिता चालीसा का आज बहुत लोगों ने लाभ उठाया है व विज्ञान को मात देने जैसी घटनाओं को अपनी आँखों से देखा है चाहे वो चिकित्सा विज्ञान कि बात हो या फिर किसी अन्य विज्ञान कि बात हो !
कहते हैं कि जिन लोगों ने भी इस चालीसा का पाठ शुरू किया है माँ ललिता देवी जी और ब्रह्मलीन डा॰ भारतीय जी कि शक्तियां उनके जीवन में काम शुरू कर देती हैं और वे उनके साथ हमेशा रहती हैं ऐसा लोगों ने कई बार साक्षात महसूस किया है ! आप भी अपने जीवन में इन शक्तियों को अनुभव करना चाहते हैं तो बगल में "दिव्य ललिता चालीसा" पर क्लिक करें और इसकी विधि सहित ललिता चालीसा का पाठ शुरू करें यदि हो सके तो गुरू श्री पी.बी.सिंह जी से इस चालीसा का पाठ शुरू करने से पहले एक बार उनका आशीर्वाद लेना ना भूलें !
आपका हर प्रकार से कल्याण हो यही हमारे जीवन का ध्येय है !
जय श्री गुरू भारतीय जी की ! जय श्री गुरू पी.बी.सिंह जी की ! जय माँ ललिता देवी जी की !